घायल शेर --- रॉजर फेडरर

घायल शेर भले ही कमजोर हो लेकिन वो शिकार करना नहीं भुलता.....तो उसी घायल शेर को कमजोर समझ कर उसका शिकार करना या उसको शिकार के लिए ललकारना ही शिकारी की सबसे बड़ी भूल होती है..... हालाकि इस दाव पेच में शेर कभी-कभी चित भी हो जाता हैं.....लेकिन इसका मतलब ये बिलकुल नहीं की शेर शिकार करना भूल गया है.....

17 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता फेडरर करीब पिछले 3.5 साल से एक और खिताब की आस में कोर्ट में हर वो पेतरा अपना रहे हैं जो उनको एक और खिताब दिला सके....लेकिन लगातार मिल रही हार के बाद टेनिस के सरताज रॉजर फेडरर का हाल भी किसी घायल शेर से कम नही है.... यु एस ओपन 2015 के फाइनल की बात करे तो एक बार फिर रॉजर फेडरर को हार का मुह देखना पड़ा.... और ये हार का दर्द एक बार फिर किसी और ने नही बलकि दुनिया के न. एक खिलाड़ी नोवाक जोकोविक ने दिया हैं... करीब 3 धंटे से ज्यादा समय तक चले इस रोमांचक मुकाबले में कड़ी टक्कर देने के बाद रॉजर फेडरर ने ये मैच 6-4,7-5,6-4,6-4 से गवा दिया... हालाकि इस हार में रॉजर फेडरर की खुद की भी कई गलतिया रही..... 17 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता रॉजर फेडरर पूरे मैच में सिर्फ 4 ब्रेक प्वाइंट ही अपने नाम किया...... तो वही जोकोविक ने अपनी सर्विस पर ज्यादा से ज्यादा मैच प्वाइंट अपने नाम किया जो उसको जीत को और करीब ले गई.... हालाकि मैच के बाद 2015 के यु एस ओपन विजेता ने ये जरुर माना कि फेडरर का ये खेल बहुत ही खराब खेले में से एक था.... यु एस ओपन के मुकाबले में रॉजर फेडरर को नोवाक जोकोविक के हाथो ये लागातार तीसरी हार मिली ... इससे पहले 2010 और 2011 में फेडरर नोवाक के हाथों सेमीफाइनल में फेल हो चुके हैं।

2015 में ये पहली बार नहीं हैं जब नोवाक जोकोविक ने रॉजर फेडरर का खिताब जीतने का सपना तोड़ा हो....इस से पहले 2015 में नोवाक जोकोविक नें रॉजर फेडरर को विंबलडन के फाइनल में हराया था ...इंडियन वेल्स मास्टर्स , रोम ओपन या रोम मास्टर , में भी टेनिस के सरताज को नोवाक के हाथो हार झेलनी पड़ी थी...तो वही 2012 के विंबलडन के बाद इन दोनो महान खिलाडियों के बीच 16 बार खेल के मैदान में जंग हुई जिसमें 9 बार नोवाक नें और 7 बार फेडरर को सफलता मिली है।

सभी खिलाड़ी का अपना समय आता हैं और इसमें कोई दो राय नहीं की टेनिस के दुनिया के न. 1 खिलाड़ी नोवाक जोकोविक का ये बेहतारीन समय चल रहा हैं....लेकिन हार के जीतने वाले को ही बाजीगर कहते हैं.... ये 34 वर्ष के फेडरर का खेल प्रेम....और उसने खेल प्रसंसक का साथ ही हैं जो उनको उम्र के इस पड़ाव में भी दूसरों से अलग करता हैं और ये उम्मीद करता हैं कि जल्दी ही वे कुछ और ग्रैंड स्लैम को अपनी झोली में डालेंगे और दुसरो से कई गुना आगे निकल जाएगे.... तभी तो हर हार के बाद उतनी ही जोर से फेडरर कहते हैं आई विल बैक हियर नेक्स्ट ईयर...

फेडरर की हर बड़ी-छोड़ी हार के बार उनके फेंस सोशल मीडिया पर झल्लाते नहीं है बल्कि यू आर द बेस्ट कह कर उत्साह वर्धन करते है..... शायद इस से ज्यादा किसी भी खिलाड़ी को अपने खेल जीवन से कुछ नही चाहिए होगा.... कहते हैं ना हिमते मर्दा मदते खुदा.... 34 साल के उम्र में गजब का फोरहेंड और बैकहेंड फेडरर की कामयाबी की कहानी बताता है और या भी बताता है कि भले ही ये शेर आज कमजोर है लेकिन वो दिन दूर नहीं जब फेडरर फिर से दूनिया का न1 खिलाड़ी बन जाएगा।


FEDERER’S FAN 

AMAR KUMAR